Kavya's Blog
Saturday, December 3, 2011
Saturday, May 28, 2011
प्रेम .........
न वो जानते है
न हम जानते है
अगर सच कहू तो
ये सब जानते है
पर पूछो किसी से
तो लक्षण बताये
या अपनी पूरानी
कहानी सुनाये
जो खुश है इसे
गुलिस्ता वो बताये
खुश जो नहीं
वो पीछा छुडाये
सच कहना है मुश्किल
ये सब जानते है
तो इसको क्यों नहीं
वो स्वीकारते है
रचा था सभी ने
इतिहास एक दिन
ये दिल जानता है
नहीं मानता है
बस फर्क सिर्फ इतना है
फर्क सिर्फ इतना है
किसी का छुप जाये
किसी का सामने आये ........
न वो जानते है
न हम जानते है
अगर सच कहू तो
ये सब जानते है
पर पूछो किसी से
तो लक्षण बताये
या अपनी पूरानी
कहानी सुनाये
जो खुश है इसे
गुलिस्ता वो बताये
खुश जो नहीं
वो पीछा छुडाये
सच कहना है मुश्किल
ये सब जानते है
तो इसको क्यों नहीं
वो स्वीकारते है
रचा था सभी ने
इतिहास एक दिन
ये दिल जानता है
नहीं मानता है
बस फर्क सिर्फ इतना है
फर्क सिर्फ इतना है
किसी का छुप जाये
किसी का सामने आये ........
Wednesday, April 20, 2011
Tuesday, March 29, 2011
Wednesday, March 2, 2011
Tuesday, March 1, 2011
कौन कब तक ....
जिंदगी में बहुत से लोग आए
पर ...........
कौन कब तक रुका
कह पाना कठिन था
कोई किसी मोड़ पर
तो ............
कोई किसी मोड़ पर
छूटता चला गया
साथ निभाने वाला
जिंदगी में बहुत से लोग आए
पर ...........
कौन कब तक रुका
बहुत सोचा समझा और जाना
पर हर एक अंजाना मिला
इस भरे बाज़ार में
मेरा खरीदार ना मिला
जिंदगी में बहुत से लोग आए
पर ....
कौन कब तक रुका
कह पाना कठिन था
ये मोड़ आसन ना थे जानते थे हम
सोचा था किसी का हाथ थाम
बढ़ चलेंगे आगे लेकिन
जहाँ देखा वहाँ अँधेरा मिला
जिंदगी में बहुत से लोग आए
पर ....
कौन कब तक रुका
कह पाना कठिन था
अब तो आदत सी हो गई है अकेले चलने की
अगर कोई आएगा
तो क्या समझ मुझे वो पायेगा..........
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